Delhi के Jafrabad, Maujpur और Bhajanpura में पिछली रात क्या कुछ हो रहा था?
दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाके में नागरिकता संशोधन क़ानून के मुद्दे पर विरोध कर रहे और समर्थन कर रहे लोगों के बीच भड़की हिंसा में अब तक सात लोगों की मौत हो चुकी है. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक़, इस हिंसा में अब तक तीन आम लोगों और एक पुलिस कर्मी की मौत हुई है. इसके अलावा मंगलवार सुबह तीन अन्य लोगों की मौत की पुष्टि जीटीबी हॉस्पिटल के सूत्रों ने बीबीसी संवाददाता प्रशांत चाहल से की. हालांकि मृतक के बारे में कोई विस्तृत जानकारी उपलब्ध नहीं हो पाई है. जीटीबी अस्पताल में तीन दर्जन घायलों का अभी भी इलाज चल रहा है.
सोमवार दोपहर हिंसक घटनाएं होने के बाद देर रात चांद बाग़, भजनपुरा, बृजपुरी, गोकुलपुरी, और जाफ़राबाद में दहशत का माहौल बना रहा. कई इलाकों में हिंसक घटनाएं सामने आईं. इन इलाकों में हालात का जायजा लेते हुए हमारी मुलाक़ात सरफराज़ अली से हुई. सरफराज़ ने अपने ऊपर हुए हमले के बारे में बताते हुए कहा, "उन्होंने मेरा नाम पूछा, शुरुआत में मैंने कोई दूसरा नाम बताने की कोशिश की. इसके बाद उन्होंने मुझसे पैंट उतारने को कहा. जब मैंने अपना नाम सरफराज़ बताया तो उन्होंने मुझे डंडों से पीट कर आग में फेंक दिया." सोमवार को हिंसक घटनाओं के बीच घायलों को अस्पताल लेकर जा रही एंबुलेंस को भी निशाना बनाया गया. दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में सरफराज़ को लेकर आने वाले हसन और सत्य प्रकाश से हमारी मुलाक़ात हुई. हसन बताते हैं, "उन्हें रात में पुराने बृजपुरी इलाके के मेहर अस्पताल से फोन आया कि वहां मौजूद एक युवा सरफराज़ को जीटीबी अस्पताल में ट्रांसफ़र किया जाना है. मैं उस इलाके में घुसने से डर रहा था. ऐसे में हमने मरीज़ को बाहर आने को कहा. इसके बाद सरफराज़ के भाई उन्हें लेकर बाहर आए." हसन की एंबुलेंस सोमवार दोपहर भीड़ के हमले का शिकार हुई थी. सोमवार दोपहर हसन को सीलमपुर के सुभाष मोहल्ले में गोली से घायल हुए एक व्यक्ति को अस्पताल लाने का काम सौंपा गया था. हसन बताते हैं, "हम मरीज़ को अस्पताल ले जा रहे थे. मैं पीछे बैठा था क्योंकि मरीज़ का खून बह रहा था. जब सत्य प्रकाश ने एंबुलेंस को थोड़ा ही आगे बढ़ाया था कि भीड़ ने एंबुलेंस के बोनट और फिर विंड शील्ड पर हमला किया. उन्होंने एक रॉड से सत्य प्रकाश पर हमला किया और एंबुलेंस की खिड़की तोड़ दी. उन्होंने इस बात की परवाह भी नहीं की कि ये एक एंबुलेंस थी. ये दिल्ली सरकार की एंबुलेंस थी. हम हिंदू मुस्लिम में भेद नहीं करते हैं. लेकिन लोगों को ये समझ ही नहीं आता है."
वीडियो: विनायक गायकवाड़ और नेहा शर्मा
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